कामदानाथ ( कामदगिरि पर्वत)
कामदानाथ ( कामदगिरि पर्वत) मित्रों मैंने अपने पिछले आर्टिकल में रामघाट का विस्तार में वर्णन किया था। आइए उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अब हम चित्रकूट के मुख्य स्थान भगवान कामतानाथ के बारे में जानते है।कामदानाथ रामघाट से २ कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यहां जाने के लिए आपको रामघाट से ही साधन मिल जाते है जो आपको कामदानाथ मंदिर के समीप ही उतारते है। कामदानाथ मंदिर में मुख्यताः चार द्वार है जिसमें से पहला द्वार का नाम कामदानाथ ही पड़ गया। पुरवोक्त में कामदगिरि पर्वत के संबध में कहा जाता था कि, यह चित्रकूट का प्रधान अंग है।इसके संबध में यह कहा जाता है कि पर्वत कई तरहो की धातुओ और मणियो से अलंकृत है इसका प्रमाण इस श्लोक से प्रस्तुत है - सुवर्ण कूटं रजताभिकूटं, माणिकयकूटं मणिरत्नकूट्म। अनके कूटं बहुवर्ण कूटं, श्री चित्रकूटं शरणं प्रपद्य।। इस पर्वत में रघुकूल भूषण श्रीराम ने अपने वनवास के काल में जीवन के साढे ग्यारह वर्ष व्यतीत किये। उनके रहने से यह पर्वत ऋतु में प्रत्येक प्रकार के फलों, पुष...